मैं कहती हूँ के मिलते रहेंगे तो जिन्दा रहेंगे मैं कहती हूँ के मिलते रहेंगे तो जिन्दा रहेंगे
चलो एकबार फिर से मिलते हैं व्हाट्सएप्प के मेसेज पे नही । चलो एकबार फिर से मिलते हैं व्हाट्सएप्प के मेसेज पे नही ।
अजनबी को क्या पता कौन से गम हम छुपाते है अजनबी को क्या पता कौन से गम हम छुपाते है
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...